” मेरी प्यारी नींद”
” मेरी प्यारी नींद”
सुबह शाम या हो चाहे दुपहरी
आके मुझे यह सुला जाती है
एक ही नाम से जानते हैं सभी
मेरी प्यारी नींद यह कहलाती है,
सुकून मिलता है सोकर सबको
भोर सवेरे होते यह खुल जाती है
मीनू को है सोना बहुत ही पसंद
थकान में नींद ही आराम दिलाती है,
पहाड़, स्कूटी, कार, पेड़ या समुद्र में
कहीं भी नींद की झपकी आ जाती है
रविवार को दोपहर की नींद लेती मैं
नदी किनारे की नींद बहुत सुहाती है।