Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2021 · 1 min read

मेरी नानी

ममा से ज्यादा मुझको,भाती मेरी नानी है ।
बाँहो का झूला बनाकर, झुलाती मेरी नानी है।
तोतली बोली बनाकर, बुलाती मेरी नानी है।
गोदी में थपकी लगाकर, सुलाती मेरी नानी है।
कन्धे पर मुझे घुमाकर,इठलाती मेरी नानी है।
ममा से भी ज्यादा,मुझको भाती मेरी नानी है।।

हँसते हँसाते मुझको,नहलाती मेरी नानी है।
गीले बिस्तर को झट से ,बदल जाती मेरी नानी है।
कपड़े मेरे धोकर ,सुखाती मेरी नानी है।
सही समय पर दवाई,पिलाती मेरी नानी है।
सुबह-सुबह की धूप, सिकाति मेरी नानी है।
ममा से ज्यादा,मुझको भाती मेरी नानी है।।

भूख लगे जब मुझको,चिल्लाती मेरी नानी है।
छोड़ मोबाइल दूध पिला,कह जाती मेरी नानी है।
हर समय संग मेरे,रह जाती मेरी नानी है।
प्यार के सागर में,बह जाती मेरी नानी है।
आँख लगे जब संग मेरे,सो जाती मेरी नानी है।
ममा से भी ज्यादा,मुझको भाती मेरी नानी है||

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 909 Views

You may also like these posts

सार्थकता
सार्थकता
Neerja Sharma
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
Atul "Krishn"
नकली नोट
नकली नोट
जगदीश शर्मा सहज
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
किसी भी रूप में ढ़ालो ढ़लेगा प्यार से झुककर
आर.एस. 'प्रीतम'
#शबाब हुस्न का#
#शबाब हुस्न का#
Madhavi Srivastava
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
इंसान को इतना पाखंड भी नहीं करना चाहिए कि आने वाली पीढ़ी उसे
Jogendar singh
गुरु
गुरु
Roopali Sharma
"मत भूलो"
Dr. Kishan tandon kranti
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
मुहब्बत में शायरी का होना तो लाज़मी है जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
इत्तिफ़ाक़न मिला नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
*भरत राम के पद अनुरागी (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
3011.*पूर्णिका*
3011.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता के शब्द
कविता के शब्द
Dr.Pratibha Prakash
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
फ़ायदा क्या है यूं वज़ाहत का,
Dr fauzia Naseem shad
कलयुग के बाजार में
कलयुग के बाजार में
gurudeenverma198
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
होरी खेलन आयेनहीं नन्दलाल
Bodhisatva kastooriya
कुंडलिया . . .
कुंडलिया . . .
sushil sarna
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
*जब कभी दिल की ज़मीं पे*
Poonam Matia
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
मन की खुशी
मन की खुशी
कार्तिक नितिन शर्मा
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
संघर्ष ज़िंदगी को आसान बनाते है
Bhupendra Rawat
अनुभूति
अनुभूति
Pratibha Pandey
11 धूप की तितलियां ....
11 धूप की तितलियां ....
Kshma Urmila
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
sp133 मैं अज्ञानी /वामपंथी सेकुलर/ वह कलम की धार
sp133 मैं अज्ञानी /वामपंथी सेकुलर/ वह कलम की धार
Manoj Shrivastava
..
..
*प्रणय*
I miss my childhood
I miss my childhood
VINOD CHAUHAN
ठंडा मौसम अब आ गया
ठंडा मौसम अब आ गया
Ram Krishan Rastogi
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
बड़े मासूम सवाल होते हैं तेरे
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...