तोड़ूंगा भ्रम
मेरी नाकामयाबियों पर सब हँस रहे है
कला को यह मेरी खेल समझ रहे है
तोड़ूंगा भ्रम मैं ,सबका एक दिन
जो आज अनाड़ी मुझको समझ रहे है।
– श्रीयांश गुप्ता
मेरी नाकामयाबियों पर सब हँस रहे है
कला को यह मेरी खेल समझ रहे है
तोड़ूंगा भ्रम मैं ,सबका एक दिन
जो आज अनाड़ी मुझको समझ रहे है।
– श्रीयांश गुप्ता