“मेरी दुनिया”
“मेरी दुनिया”
मैं चाहे हसूं या गुलाटी मारूं
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
क्यों दर्द होता है जमाने को
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
कैसी भी मैं हेयर स्टाईल रखूं
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
सूट पहनूं या पहनूं कोट पैंट
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
बाईक चलाऊं या रखूं स्कूटी
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
चूल्हा चौकी करूं या नौकरी
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
फोन इस्तेमाल करूं या नहीं
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
खेलूं या फिर गृहणी बन रहूं
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
रूखी रोटी खाऊं या सलाद
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
घूंघट करूं या ना भी करूं
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है,
मेरी जिंदगी है कैसे भी जियो
ये मेरी अपनी ही जिंदगी है।