मजदूर औ’र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
ग़ज़ल
221/2122/221/2122
मजदूर औ’र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
दुख दर्द से भरी जो वो जिंदगी लिखेंगे।1
मुस्कान भी बमुश्किल जिनके लबों पे आती,
जिस दिन दिखेगी उस दिन उनकी हॅंसी लिखेंगे।2
खुद काल रूप रख के निकलेंगी जब घरों से,
नारी को काली दुर्गा औ’र पार्वती लिखेंगे।3
किस्से सुने हैं मैंने थे कृष्ण और सुदामा,
गर दिख गए तो फिर से वो दोस्ती लिखेंगे।4
जो कल्पना में रहतीं हैं उर्वशी व रंभा,
ख्वाबों में भी जो आईं दिल की लगी लिखेंगे।5
ग़म से भरी है दुनियां लिखने से फायदा क्या,
जो प्यार में जियेंगे ‘प्रेमी’ वहीं लिखेंगे।6
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी