– मेरी तपस्या मेरा तप –
– मेरी तपस्या मेरा तप –
मेरी तपस्या मेरा तप जिससे में खुद भी हु अनजान,
लगता है जैसे वर्षो की तपस्या का मां शारदे ने दिया मुझे वरदान,
में अब कुछ लिखता हु कुछ गढ़ भी पाता हु,
मे अब इस दुनिया में जो शारद पुत्र कहलाता हु,
मेरे काव्य कुल के अग्रजो से मिल रहा मुझे उचित सम्मान,
में अपनी पीड़ा को भूलकर रखु सदा इसका ध्यान,
हे मां शारदे सदा रखना अपने बेटो में मुझ अदने कलमकार का नाम ,
मां शारद का लाडला कहलाऊ कर जाऊ दुनिया में नाम,
सबसे छोटा पुत्र आपका मां भरत करे तेरा गुणगान,
मेरी तपस्या मेरा तप जिससे में खुद भी था अनजान,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-