मेरी डायरी-6 (मोबाइल को कोराना हुआ)
मेरी प्रिय डायरी (भाग-6) (मोबाइल को कोराना हुआ)
-राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’, टीकमगढ़ (मप्र)
दिनांक 31-5-2021 समय रात 10:30
मेरी प्रिय डायरी,
आत्मिक स्नेह
कल रात जरा सी लापरवाही से मेरे मोबाइल को कोरोना हो गया। हुआ यूं कि मैं प्रतिदिन की तरह रात को 8 बजे अपने घर की बीच वाली छत पर एक-दो घंटे घूमता हूं। तब बीच में प्यास लगती है तो वहीं ऊपर ही पीने वाली टंकी से अलग से नल लगा हुआ है। तो जब आधे घंटे घूमने के बाद मुझे प्यास लगी तो मैं एक हाथ में खाली गिलास पकड़े था और दूसरे हाथ में मोबाइल फिर जिस हाथ में मोबाइल था उसी हाथ से नल की टोंटी खोलने लगा तो मोबाइल सरक कर नीचे पानी भरी बाल्टी में गिर गया एक सेंकेड से भी कम समय में मैंने मोबाइल को बाल्टी में से उठा लिया चूंकि कवर लगा था तो शीघ्र ही मैंने कवर निकाला उसे रूमाल से पोंछा साफ किया फिर डरते डरते उसे आन किया तो शुक्र है मोबाइल चालू हो गया मैं बहुत खुश था कि चलो मोबाइल को कुछ नहीं हुआ नहीं तो लाकडाउन में कैसे सुधरता। बैटरी चार्ज थी खूब चलाया और जब रात में ग्यारह बजे बैटरी 30प्रतिशत रह गयी यब मोबाइल को रख दिया मैं रोज सुबह 5 पांच खा अलार्म भर देता हूं और जब 5 बजते है तो मोबाइल चार्ज पर लगा कर फिर सो जाता हूं और फिर जब मैं 7 बजे उठता हूं तो मोबाइल 100प्रतिशत चार्ज मिलता है। फिर अभी लाकडाउन चल रहा है तो सब काम देर से आराम से होते है सुबह 1घंटे छत पर घूमता हूं।
आज जब सुबह सात बजे उठा तो देखा कि मोबाइल चार्ज ही नहीं हुआ था लगता था उसकी पिन में जो छेद होते है उसमें पानी घुस गया होगा इसलिए मोबाइल कुछ सेंकेड बाद चार्ज होना बंद हो गया था।अब मैं बहुत टेंशन में आ गया सोचा मैं तो कोराना से अब तक बचा रहा लेकिन मेरे मोबाइल को पानी में डुबकी लगाने से निमोनिया हो गया जिसके कारण उसे चार्ज होने (सांस लेने में तकलीफ होने लगी) मैं समझ गया इसे कोरोना हो गया। इसका हीट लेविल कम हो गया है मैंने अंतिम ऊपाय करते हुए उस बिटामिन डी को डोज देने के लिए उसे दो घंटे तक धूप में रख दिया। फिर जब मोबाइल उठाया तो वह ओवर हीट का मेसेज दे रहा था मैंने थोड़ी दे उसे छाया में रखकर सामान्य अर्थात ठंडा किया।
फिर राम का नाम लेकर मोबाइल पुनः चालू किया मोबाइल चालू हो गया मैं खुश था फिर भी उसे चार्ज करना था और चैक करना था कि वह सही से चार्ज हो रहा है कि नहीं। चैक किया तो वह चार्ज हो रहा है अब मैं बहुत खुश था कि चलो मेरा मोबाइल का कोराना विटामिन डी के डोज से ठीक हो गया।
इसीलिए कहते है कि जरा सी लापरवाही बहुत मंहगी पड़ सकती है। ये तो निर्जीव मोबाइल था लेकिन हम मनुष्य है और जुवन बहुत अनमोल है इसकी कद्र कीजिए।
कोरोना का खतरा अभी गया नहीं है हमें सावधानी बरतना जरूरी है। बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलना है गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना है।
घर पर रहे स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे।
आज शाम चार बजे गूगल मीट पर कला मंदिर भोपाल की आनलाइन हास्य-व्यंग्य गोष्ठी में काव्य पाठ किया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि रायपुर से श्री पंकज गिरीश जी थे एवं अध्यक्ष डां गौरीशंकर गिरीश जी ने की संचालन गोकुल सोनी व कांता राय जी ने किया। 15 लोगों ने पढ़ा।
आज बस इतना ही, शेष फिर कभी।
शुभरात्रि, स्वस्थ रहे, मस्त रहे।
आपका अपना-
-राजीव नामदेव _राना लिधौरी’
संपादक-‘आकांक्षा’ पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,टीकमगढ़
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