#मेरी डायरी#
कुछ पन्ने पलटे आज डायरी के
कुछ फलसफे मिले जिंदगी के,
कुछ लम्हे बचपन के निकले
और कुछ बेपरवाह नादानियों के,
कहीं कुछ मखमली सी यादें थी
तो कुछ रेशम के से ख्वाब मिले
कुछ गुलों के किस्से थे तो
कहीं वफाओं के जिक्र हज़ार
अब जब रूखसती की बेला है
क्या हिसाब रखना इन लम्हों के गणित का
पूरा हिसाब फिर कभी करेंगे
जब फुर्सत में बैठेंगे ऐ जिंदगी !