मेरी जिंदगी
मेरे लिए क्या खुशी ,प्रसन्नता ,आनंद ,संतोष और साज श्रृंगार का समाहार ।
मेरे लिए सब दिन एक जैसे है ,
क्या करवा चौथ ,क्या होली दिवाली ,
और तीज त्यौहार।
औरों को मिले हो चाहे फूल ही फूल ,
मेरे दामन में तो है खार ।
पड़ा है वास्ता सदा मुझे तपते रेगिस्तान से ,
मेरी जिंदगी ने न देखी कभी बसंत बहार ।
जो कुछ तुम्हें दिखता है दोस्तो !
वो तो बस नजर का मात्र धोखा है ।
अन्यथा इस सुनहरे परदे के पीछे है अंधकार ।