मेरी जिंदगी
जिंदगी में गम इतने आए कि अब लगने लगा
कहीं ना कहीं खुशियों से नाराज है मेरी जिंदगी
अपनों के बिछड़ जाने के बाद एहसास हुआ
अपनों के प्यार की मोहताज है मेरी जिंदगी
अपनों को कहीं पर ज़िक्र हो जाता है तो
अपनों की खट्टी मीठी यादें ताजा कर जाती है मेरी जिंदगी
बचपन में छोटी सी चोट लगने पर मां का दुलार और फ़िक्र अच्छी लगती थी
पर अब चोट लग जाने पर मरहम लगाने वाला कोई नहीं
और इसी बीच मेरी मां की याद दिला जाती है मेरी जिंदगी
बचपन में स्कूल में प्रथम आना
और पिता के चेहरे की खुशी कई गुना बढ़ जाना
उन लम्हों की याद दिला जाती है मेरी जिंदगी
पहले दोस्तों के साथ लड़ना मनाना रोज का काम था
आज फिर उन दोस्तों की याद दिला गई मेरी जिंदगी
जामुन खाते समय आज भी याद आते हैं वो पल वो जामुन के पेड़ से जामुन चुपके से चुराना
और पकड़े जाने पर बहाना बनाना
फिर से वही याद दिला गई मेरी जिंदगी
पहले निश्चल मन रहता था सब का
पर अब सबके मन में फ़रेब है ये एक बात समझा गई मेरी जिंदगी
पहले हम सबके साथ रहते थे और आज सिर्फ उनकी यादों में
ये एक सच्चाई बता गयी मेरी जिंदगी
अपनों के साथ ना होने के बावजूद भी हंसती रहती हूं लोगों को दिखाने के लिए
वरना दर्द भरी दास्तां है मेरी जिंदगी
मुस्कुराना भूल गए होंठ तो अब
फिर से मुस्कुराना सिखा दे मेरी जिंदगी
जिंदगी से आज मेरी विनती है बस यही
कि काश लौटा दे मेरे बचपन की वो प्यारी सी जिंदगी
-ज्योति खारी