मेरी जिंदगी मेरी जरूरत हो तुम
मेरी जिंदगी मेरी जरूरत हो तुम,
कहूँ कैसे बहुत खूबसूरत हो तुम.
सजदे में जिसे मैंने हर बार मांगा है,
खुदा से मांगी हुई वो इबादत हो तुम.
जब से देखा ये दिल तुमपे आ गया,
सच कहता हूँ पहली मुहब्बत हो तुम.
जिक्र मेरी गजलों में हर बार होता है,
हर पल गुनगुनाने की आदत हो तुम.
भटक ही गया था जहाँ की भीड़ में,
मेरे जीने की फिर नई शुरूवात हो तुम.
हर वक्त मुझे तुम्हारी ही याद आती है,
मेरे जिंदगी की हसीन मुलाकात हो तुम.
फूलों जैसी कोमलता आँखों में चंचलता,
खुदा की बनायी अनमोल नजाकत हो तुम.
जब से तुम्हे जाना है दीवाना बन गया हूँ,
गंगा सी पवित्र पाकीजगी की मूरत हो तुम.
जिंदगी जी नहीं पाऊंगा बिना तुम्हारे ‘ देव’,
हमेशा ये ख्याल रखना मेरी अमानत हो तुम.
__देवांशु