मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी खुशियां भी तुम्ही से,मेरी धड़कने भी तुम हो
ख्वाबों के सिलसिलों में, सांसों की तड़पनो में
मेरी रात में दिनो में , मेरी जिंदगी भी तुम हो,
क्यों रूठते हो मुझसे,मुझको करीब लाके
मेरी मन्नते तुम ही से मेरी जन्नतें तुम ही हो
छोड़ो न _हाथ मेरा,मजधार में कन्हैया
मेरी आत्मा भी तुम हो,परमात्मा भी तुम हो
✍️कृष्णकांत गुर्जर धनौरा
मो .7805060303