मेरी जान तिरंगा है ।
कविता :- 17(74) , हिन्दी
तिथि :- 04/10/2020
दिवस :- रविवार
विषय :- मेरी जान तिरंगा है ।
विधा :- कविता
प्रेम ही प्रेम , नहीं कहीं दंगा है ,
कोलकाता में रहता हूं
जन्म स्थान मधुबनी दरभंगा है ,
बहती नदी गंगा है ,
सच में हम रोशन का शान तिरंगा है ।।
तन और मन सब चंगा है ,
न किसी से पंगा है ।।
पूजा करने के लिए माँ गंगा है ,
मेरी जान तिरंगा है ।।
हाँ हम भिखमंगा है ,
दया , प्रेम और शांति माँगता हूं भीख
मैं सोच से नंगा है ।
बदलनी है सूरत बदलने के लिए
बननी हमें गंगा है ,
जहाँ मैं साँस ले रहा हूँ वह देश भारत ,
वहाँ की शान तिरंगा है ।।
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
मो :-6290640716
कविता :- 17(74)
तिथि :- 04/10/2020
दिवस :- रविवार
विषय :- तिरंगा ही मेरा शान है ।।
तिरंगा मेरा शान है ,
हम भारतीय
भारत माँ के हम संतान हैं ।।
दया प्रेम और शांति
पर ही हमारा ध्यान है ,
तब न हमारा भारत महान है ।।
जहां उच्च स्थल के कला और विज्ञान है ,
आर्यभट्ट जैसे विद्वान हैं ।।
साहित्य, संस्कृति की जहां पहचान है ,
तिरंगा मेरी शान, हम हिन्दुस्तानी
हमारा देश हिन्दुस्तान है ।।
नदी , सागर , हरियाली बाग़ बगीचे
खेतों में गेहूं और धान है ,
हर एक के होंठों पर मुस्कान है ।
हम रोशन को जीने की अरमान है ,
जीते जी तिरंगा ही मेरा नाम , गाँव
और शान है ।।
✍️ रोशन कुमार झा