मेरी कविता
अजनबी होकर भी अपने ही होते हैं…..
जो ज़िन्दगी भर अपनों को खुशियाँ देते हैं….
सारे आँसू सारे दर्द अपनों को जब अपनों में देते हैं…..
तभी तो अजनबी बनकर दूर होते हैं……
अजनबी होकर भी अपने ही होते हैं…..
जो ज़िन्दगी भर अपनों को खुशियाँ देते हैं….
सारे आँसू सारे दर्द अपनों को जब अपनों में देते हैं…..
तभी तो अजनबी बनकर दूर होते हैं……