– मेरी कविता पढ़ रही होगी –
– मेरी कविता पढ़ रही होगी –
अखबारों में रोज मेरी तस्वीर देख रही होगी,
तस्वीर को निहार रही होगी,
अपने बेटे बेटी को मेरी तरह बनने का हौसला दे रही होगी,
मेरी कविता की जो है नायिका,
वो अपने आपको महसूस कर रही होगी,
मुझे अपना नायक समझ रही होगी,
वो पुरानी यादों को स्मृति में ला रही होगी,
मेरी गलती थी न अपनाया पर वो अपनी गलती समझ रही होगी,
आता जब करवा चौथ का दिन,
वो मुझे याद कर रही होगी,
चांद को देखकर रो रही होगी,
मेरी कविता की वो है नायिका,
मेरी कविता वो पढ़ रही होगी,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान