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16 Feb 2023 · 1 min read

मेरी कलम

आज मेरी कलम ने मुझसे कहा,
बहुत दिन हो गए चलो कुछ लिखते है।
चलो कुछ कहते है,
क्यों चुपचाप बैठे हो,
चलो कुछ करते है,
तुम जिंदा हो ये बताने जहां को
चलो आगे बढ़ते है।

क्यो ठहर गया है तू
क्या तूझे गंतव्य मिल गया है?
यह जीवन है संघर्षमय
कब तक इस संघर्ष से डरोगे?
अपने ज्ञान को बना हथियार
चलो विश्व जीतने चलते है।

मन , बुद्धि और शरीर से
चलो उन व्यसनों को छोड़ते है
बिना परिश्रम के कुछ नही मिलता
चलो इस आलस्य को छोड़ते है
इसलिए आज मेरी कलम ने कहा
चलो आज कुछ नया लिखते हैं।।

©अभिषेक पाण्डेय अभि

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