मेरा_सुकून_हो_तुम
#खुदा से बड़ी #सिद्दत से मेरी मांगी हुई #दुआ हो तुम ।
मेरा #इश्क़ हो #मोहब्बत हो मेरे दिल की #इवादत हो तुम ।।
#बसा के रखा है #तुमको हमने अपने दिल के #ख्यालों में ।
#इवादत में जो #खुदा से की थी वही #आरजू हो तुम ।।
#तुझसे ही #जिंदा ये है #बजूद मेरा, कि #तुम हो तो मैं हूं ।
मेरे #सीने में धड़कते #दिल की सुनहरी #धड़कन हो तुम ।।
सूनी है #दुनिया तुम विन #मन भी कहिं लगता #नहीं ।
तुम्हारे #साथ मैं जी #भर जिऊं, मेरी रुह का #सुकून हो तुम ।।
कहिं #बैठ के साथ #अकेले तुम्हारे #शामें गुजारूं मैं ।
भूला न #पाऊं कभी वो #खूबसूरत सा #आलम हो तुम ।।
#मिलो जब-जब भी तुम #गले से लगालूं तुम्हें #अपने ।
#माथा चूमूँ तुम्हारा #समझ के अपना वो #सख्श हो तुम ।।
हर बात #दिल की #कह दूं मैं तुमसे #झिझके विना ।
जिसमें #देखता हूं मैं ‘खुद’ को #वो #दर्पण हो तुम ।।
वो #जन्नत हो #इवादत में #ख्वाहिशें थीं जिसकी ।
मैने #खुदा देखा नहीं यकीनन खुदा का #दीदार हो #तुम ।।
तन मन #भिगा दूं मैं तेरी #उलफत की #बारिश में ।
बरष जायें #मेघ सुनकर #दिल के, वो #राग हो तुम ।।
#हजारों हैं मेरे पर #तुमसा कोई #खास नहीं है मेरा ।
इस #मतलबी भरे #जमाने में मेरा #विश्वास हो तुम ।।
कुछ #खोया सा #लगता है जो #झलक तेरी न पाऊं ।
विना सुने #हालात समझ #जाऊं वो #अहसास हो तुम ।।
#झरनों से गिरती धारा,#फूलों पर बैठती #तितलियां ।
#सुबह की फैलती #किरण और चांदनी #रात हो तुम ।।
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वेखॉफ शायर :-
? #राहुल_कुमार_सागर ?
“बदायूँनी”
??❣?????❣??