मेरा शहर सलोना भोपाल
मेरा शहर सलोना, मनभावन है कोना कोना
हर मौसम यहां सुहाना, मेरा शहर सलोना
मैं शैल शिखर से घिरी घिरी, ओढ़ें चुनरी हरी हरी
मदहोश सभी को कर जाए, गाये मधुर तराना
मेरा शहर सलोना
शिखर चूमते मंदिर मस्जिद, गिरजे और गुरुद्वारे
प्राचीन किला और महल झरोखे, मेरे अनमोल नजारे
भोज काल और दौर नवाबी, मैं पहचान पुराना
मेरा शहर सलोना
मेरा ताल समंदर है, बाबा मस्त कलंदर है
ताल तलैंया गाते हैं, जीवन का गीत सुनाते हैं
प्यार मोहब्बत भाईचारा, मेरा चलन पुराना
मेरा शहर सलोना
बिरला मंदिर बन बिहार से, दिखते मस्त नजारे
ताजुल और भोज ताल के, नयनाभिराम नजारे
एक नजर में बन जाता है, हर शख्स मेरा दीवाना
मेरा शहर सलोंना