Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Mar 2017 · 2 min read

मेरा राजस्थान

राजस्थान दिवस पर मेरी कलम घिसाई
********************************

अपने राजस्थान की गाथा सुनाता
जितनी मुझे याद हे उतनी बताता।

1*उद्गम*

एक नवम्बर 56को अस्तित्व में आया है।
राजस्थान नाम तबसे इसने पाया है ।
राजपुताना इसका पुराना नाम है ।
राजपूती शान को मेरा प्रणाम है ।

2*भौगोलिक*

प्राकृतिक दृष्टि से यहाँ निराली छटा।
अरावली के कारण ये दो भागो में बँटा।
पश्चिम में रेतीले धोरे रेगिस्थान है ।
पूर्व में चम्बल और न्यारा मैदान है ।
माउंट आबू एक मात्र शिखर हे यहाँ
देश विदेश से सेनानी आते हे जहाँ।

3*प्रशासनिक*

अद्यतन में इसके अंदर पांच जोन है।
बताता आगे हूँ देखो कौन कौन है ।
हाडौती मेवाड़ बागड़ और दुंडाड।
मध्य में अजमेर पश्चिम में मारवाड़।

4*प्रकृति *

सीधा सादा यहाँ का हरेक बन्दा हैं।
मेहनत और खेती ही यहाँ का धंदा हैं।
बगलबंदी धोती पगड़ी पहनावा हे यहाँ।
महिलाओ में चुनर चोली लहंगा जहाँ।

5*त्यौहार*

यहाँ के त्यौहार भी काबिल ए गौर हैं ।
तीज अमावस्या करवाचौथ गणगौर हैं ।
होली दशहरा दीवाली का भी जोर हैं।
ईद मुहर्रम डोळ न्हाण जैसे और हैं ।

6*कला*
किशनगड़ की चित्रशैली बनी ठनी।
हाडौती मेवाड़ की बींद बीन्द्नी।
लोक कलाओं का हर गाँव संस्थान है।
कितने खेल नाटक वाला राजस्थान है।
अग्नि नृत्य भंवाई और खेले गैर है ।
चकरी गीदड़ भी खेले भूलकर बैर है।

7*तीर्थ*

तीरथ धामो में भी एह कम नही।
कहते सारे लोग केवल हम ही नही।
अजमेर में ख्वाजा और पुष्कर में ब्रह्मा
नाथद्वारा के श्रीनाथ जी करोली की माँ
देशनोक की करणी माता चूहे वाली माँ।
रणतभन्वर के गणपति बरवाडा की माँ।
जैनों वाला रणक पुर दिलवाडा जहाँ।
बारह्ज्योति लिंगो वाला बांसवाडा यहाँ।
बीकानेर में कोलायत जी जयपुर में गलता।
कहते सारे तीर्थ का फल यहाँ मिलता।

8*मेले*

कोटा में दशहरा और वेणेश्वर धाम का मेला।
उर्स हे अजमेर का रुनिजा में रामदेव का रेला।
महावीर जी और करोली पीछे कहाँ है।
कजली तीज बूंदी तो बारां डोल यहाँ है।
पुष्कर पशु मेला क्या कम विख्यात है।
हर जिला यहाँ का मेलो में ख्यात है।

9*खनिज*

यहाँ खनिजो के भी भंडार अपार हैं।
अभ्रक और सीसे का नही पारावार हैं।
मार्बल सिलिका कोटा स्टोन हे जहाँ।
फ्लोराइड बोक्साईट पारेवा यहाँ।
रेतीले धोरो वाली यह धरा अनूठी हैं।
गोंद खैर कत्था,मिले जड़ी बूटी है ।

10*पर्यटन*
पर्यटन स्थल भी यहाँ चारो और हैं।
पूर्व में स्वागत करता रणतन्भोर हैं।
पश्चिम में जोधपुर का मंडोर है।
चित्तोड़ का किला भी चितचोर हैं।

बीकानेर का जुनागड़ जयपुर वाह वाह।
ढाईदिन का झोपड़ा व् ख्वाजा की दरगाह।
झीलों की नगरी का क्या कम लेखा हैं।
छोटीकाशी बूंदी भी जिसने देखा हैं।
झालावाड का हर्बल गार्डन देखो तो सही।
कोटा के सात अजूबे कही पाओगे नही।

11*खानपान*

भोजन में राबड़ी लड़डू बाटी चूरमा।
मक्का ज्वार बाजरा पचाते सूरमा।
कैर सांगरी पोंचा मरेला लालरी।
कभी कभी तो रोटी प्याज बिना सागरी।

नमन
कितने कवि कितने सूर राजनेता है।
सारा राष्ट्र जिनका नाम नाज़ से लेता है।

मेरा राजस्थान साथियों इतना महान है।
जिस पर करता नाज़ सारा हिन्दुस्थान है।

****-****मधु गौतम

राजस्थान दिवस रीआप सगला ने घणी घणी बधाई सा

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 5005 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Dr अरूण कुमार शास्त्री
Dr अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दुख वो नहीं होता,
दुख वो नहीं होता,
Vishal babu (vishu)
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/192. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कर्जा
कर्जा
RAKESH RAKESH
You do NOT need to take big risks to be successful.
You do NOT need to take big risks to be successful.
पूर्वार्थ
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
जिंदगी का सफर बिन तुम्हारे कैसे कटे
VINOD CHAUHAN
💐प्रेम कौतुक-208💐
💐प्रेम कौतुक-208💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
कराहती धरती (पृथ्वी दिवस पर)
डॉ. शिव लहरी
भीड़ पहचान छीन लेती है
भीड़ पहचान छीन लेती है
Dr fauzia Naseem shad
प्रयास जारी रखें
प्रयास जारी रखें
Mahender Singh
*प्रेम कविताएं*
*प्रेम कविताएं*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बहू बनी बेटी
बहू बनी बेटी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
सच तो तस्वीर,
सच तो तस्वीर,
Neeraj Agarwal
उम्मीद
उम्मीद
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
बागों में जीवन खड़ा, ले हाथों में फूल।
बागों में जीवन खड़ा, ले हाथों में फूल।
Suryakant Dwivedi
अति मंद मंद , शीतल बयार।
अति मंद मंद , शीतल बयार।
Kuldeep mishra (KD)
रूप कुदरत का
रूप कुदरत का
surenderpal vaidya
"मेरे तो प्रभु श्रीराम पधारें"
राकेश चौरसिया
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
नफरत दिलों की मिटाने, आती है यह होली
gurudeenverma198
सरकार
सरकार "सीटों" से बनती है
*Author प्रणय प्रभात*
खामोशियां आवाज़ करती हैं
खामोशियां आवाज़ करती हैं
Surinder blackpen
हम पर कष्ट भारी आ गए
हम पर कष्ट भारी आ गए
Shivkumar Bilagrami
"शब्द"
Dr. Kishan tandon kranti
सोनेवानी के घनघोर जंगल
सोनेवानी के घनघोर जंगल
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
हरतालिका तीज की काव्य मय कहानी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक नारी की पीड़ा
एक नारी की पीड़ा
Ram Krishan Rastogi
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
Loading...