मेरा मोन अच्छा है
जो मेरे बुलाने पर
मुद्दतों से मोन में है,
उसकी बोली पर
मेरा मोन अच्छा है |
नहीं भुलाई हमने
बचपन की यादें,
मन तो मेरा यार
आज भी बच्चा है |
क्या उम्मीद करें,
झूठी इस दुनिया में ,
एक अकेला यार
तू ही बस सच्चा है |
ना आजमाओ हमे ,
इतना टूट जाएं हम
दिल है की हमारा
यह थोड़ा कच्चा है |
कवि दीपक सरल