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31 Dec 2018 · 1 min read

मेरा महबूब

बाँसुरी में कोई धुन जैसे लगाई हुई है,
जैसे बादल में घटा काली छाई हुई है,
मेरी जाँ तुम भी मेरे खातिर वैसी ही हो
जैसे फूलों में कोई खुशबू समाई हुई है

Language: Hindi
Tag: लेख
213 Views
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