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28 May 2023 · 1 min read

मेरा महबूब आ रहा है

ये शहर टिमटिमा रहा है, ज़रूर
कहीं मेरा महबूब गुनगुना रहा है
देखा है जबसे आईने ने उसको
वो भी अबतक झिलमिला रहा है

देखकर ख़ूबसूरती उसकी
हर कोई मदहोश हो रहा है
उसके सिवा कुछ याद नहीं मुझको भी
जाने मुझको ये क्या हो रहा है

सुना है हसीनों के दिल
बहुत बेरहम होते हैं
कहीं वो मेरा दिल तोड़ न जाए
मुझको ये डर भी सता रहा है

वो नूर रहे मेरे दिल में हमेशा
इसके लिए ये ख़ुदा क्या कर रहा है
मैंने तो कर लिये तमाम जतन
लेकिन ये दिल अभी भी आहें भर रहा है

है आभा जिसमें सूरज की
वो अब मेरी ज़िंदगी में आ रहा है
है ख़्याल ही बहुत खूबसूरत ये
ज़िंदगी का मज़ा अभी से आ रहा है

कैसे कहूँ अपने इस नाज़ुक दिल से
कोई तेरी क़िस्मत बदलने जा रहा है
तेरा प्यार तेरा हमसफ़र तेरा भाग्य
अब कभी भी तेरे पास रहने आ रहा है

तू रखेगा बड़े प्यार से उसे
इसी विश्वास से वो आ रहा है
तुझको मेरी बातों पर अविश्वास क्यों है
उसका नशा तो मुझपर अभी से छा रहा है।

10 Likes · 1 Comment · 3907 Views
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