मेरा मन
सब कुछ है पर कुछ भी नहीं
जाने क्या छूटा है। इस जहां में मुझसे
जो अभी तक मुझे मिला ही नहीं।
ढूंढो कहां मैं किसको
जिसका ना आता है ना पता है
कुछ तो छूटा है जो अभी तक मुझे मिला ही नहीं।
जाने दिल मेरा भागे किस परछाई के पीछे
जो कभी अपनी सी लगती है कभी पराई सी
जाने क्या छूटा है इस जहां में मुझसे
जो अभी तक मिला ही नहीं
मन का सुकून मेरा खोया है कहां।
जिसे ढूंढ नहीं मैं पाती हूं।
मन बेचैन मेरा ढूंढें है जाने किसे
ये समझ नहीं मैं पाती हूं।
मन मेरा भागता जाए कस्तूरी हिरण की तलाश में
नहीं समझे यह कस्तूरी है तेरे ही पास में ।