मेरा मन इंद्रधनुषी
नमस्कार मित्रो
#मेरा मन इन्द्रधनुषी
हे पाखी तेरी #देह कि
#चौखट क्यूं सूनी है।
प्रियतम के किस संदेश की #प्रतीक्षा मे तू
खड़ी है।
कैसी #अकुलाहट है तेरे मन के विरह मिलन जो तू #मौन खडी है।
कार्तिक नितिन शर्मा
नमस्कार मित्रो
#मेरा मन इन्द्रधनुषी
हे पाखी तेरी #देह कि
#चौखट क्यूं सूनी है।
प्रियतम के किस संदेश की #प्रतीक्षा मे तू
खड़ी है।
कैसी #अकुलाहट है तेरे मन के विरह मिलन जो तू #मौन खडी है।
कार्तिक नितिन शर्मा