Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2023 · 1 min read

मेरा भी कुछ हिसाब बाकी

मेरा भी कुछ हिसाब बाकी
सूखे शब्दों के मत भेदों ,
कुछ -कुछ नरम गरम ,
भूली – बिखरी कर्म ,
उलझी – सुलझी धर्म ।

श्वास कम उम्र ज्यादा,
रात कम ख्वाब ज्यादा,
खुशी कम गम ज्यादा,
इश्क कम जीद ज्यादा ।

माप -तोल तो हुआ नहीं,
हिसाब तो रखा भी नहीं,
किसका जायदा किसका कम,
बाकी कुछ हिसाब अभी ।

अब तो भाग्य पर छोडी,
कर्म खराब तो किया नहीं,
धर्म अपना भी छोडी नहीं,
पाप पूर्ण का हिसाब रखी नहीं ।

वापसी आ कर देख लो,
लाभ नुकसान का खाता,
लाभ आप ही रख लेना,
नुकसान मुझे दे देना।

जो बोलिएगा मान लुंगी,
मिल बैठ कर गलतफहमी दूर होगी,
तनहाई की हिसाब अभी बाकी रहेगी
इसी बहाने एक बार देख लूंगी ।

बेबेसी की कहानी सुना पाऊंगी,
खुशियां कितनी किमती बता पाऊंगी,
घाव अभी भरे नहीं दिखा पाऊंगी,
बस एक बार लौट के आ जाइए।
मेरा भी कुछ हिसाब बाकी ।।

गौतम साव

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 155 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from goutam shaw
View all
You may also like:
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
एक अरसा हो गया गाँव गये हुए, बचपन मे कभी कभी ही जाने का मौका
पूर्वार्थ
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
साजिशन दुश्मन की हर बात मान लेता है
साजिशन दुश्मन की हर बात मान लेता है
Maroof aalam
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
ये आँखे हट नही रही तेरे दीदार से, पता नही
Tarun Garg
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
कुछ तो ऐसे हैं कामगार,
Satish Srijan
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर....
डॉ.सीमा अग्रवाल
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
3421⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गलतियां ही सिखाती हैं
गलतियां ही सिखाती हैं
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
उस चाँद की तलाश में
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
#धर्म
#धर्म
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी मायूस सी
मेरी मायूस सी
Dr fauzia Naseem shad
जय मां शारदे
जय मां शारदे
Mukesh Kumar Sonkar
बेटी को मत मारो 🙏
बेटी को मत मारो 🙏
Samar babu
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
माफ करना, कुछ मत कहना
माफ करना, कुछ मत कहना
gurudeenverma198
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
मुक्तामणि छंद [सम मात्रिक].
Subhash Singhai
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
कितना अच्छा है मुस्कुराते हुए चले जाना
Rohit yadav
तुम ही तुम हो
तुम ही तुम हो
मानक लाल मनु
विनती सुन लो हे ! राधे
विनती सुन लो हे ! राधे
Pooja Singh
"हमारे नेता "
DrLakshman Jha Parimal
*जय सीता जय राम जय, जय जय पवन कुमार (कुछ दोहे)*
*जय सीता जय राम जय, जय जय पवन कुमार (कुछ दोहे)*
Ravi Prakash
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
पिता (मर्मस्पर्शी कविता)
Dr. Kishan Karigar
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
प्रेम में कुछ भी असम्भव नहीं। बल्कि सबसे असम्भव तरीक़े से जि
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*जी लो ये पल*
*जी लो ये पल*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जाते हो.....❤️
जाते हो.....❤️
Srishty Bansal
डर
डर
Sonam Puneet Dubey
Tum ibadat ka mauka to do,
Tum ibadat ka mauka to do,
Sakshi Tripathi
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
Loading...