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26 Jan 2022 · 1 min read

मेरा भारत महान ( गणतंत्र दिवस पर विशेष)

मेरे देश की है अपनी एक अलग पहचान ,
सारे जहाँ से प्यारा है मेरा भारत महान ।

मेरे देश की युवा पीड़ी है मुरख ,नादान ,
कर नहीं सकती अपनी मिटटी की पहचान ।

हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी है गौरवपूर्ण ,भावपूर्ण ,
और यह छिडकते है अंग्रेजी पर अपनी जान ।

वैभवशाली इतिहास हमारा और महान सभ्यता ,
यह विभिन्न संस्कृतियों /धर्मों /भाषाओँ की खान .।

हमारे देश में जन्में है कई महान शूरवीर ,ज्ञानी ,
संत-कवि, कलाकार ,दानी ,देशभक्त,महात्मां।

अमन ,प्रेम, भाईचारा ,करुणा और इंसानियत ,
सर्व धर्म सद्भाव का पाठ पढाता है हिन्दुस्तान ।

खेल, कला, विज्ञान, वाणिज्य में है अग्रणी ,
मगर शास्त्रों ,वेदों ,पुराणों का भी रखता संज्ञान .

मेरे देश की धरती सोना उपजाती है और ,
हरियाली / सुख-समृधि ज्यों हीरों की खान ।

घर में है खजाना और यह बाहर लार टपकाते,
अपना देश ना भाए करें विदेशों की ओर प्रस्थान .।

क्या रखा है विदेशी सभ्यता में यह तो हैं बनावटी ,
स्वदेश की महान सनातनी सभ्यता से ये अनजान ।

ना जाने क्यों ये करें प्रेम नकली कागज़ के फूलों से ?
विभिन्न रंगीन खुशबू से भरे असली फूलों का नहीं भान

तुम हो ना शुक्रे ,मतलबी , भावहीन तुमसे क्या कहें
स्वदेश को जानते नहीं कैसे सौंप दे इसकी कमान।

मेरी सविनय प्रार्थना है तुमसे,करो देश का सम्मान ,
सारे विश्व में इसकी अलग पहचान ,मेरा भारत महान ।

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 275 Views
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