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4 Mar 2021 · 1 min read

मेरा बचपन

हसरतें अभी फिर से
कुछ जवा सी हो रही है और
बीते वक्त को फिर से याद करने
लगी हैं बचपन मे लौट चल ये
बोलने लगी हैं जहाँ कंचो से
खेलते थे दोस्तो संग ओर
आँखे बचते ही चुरा भी लेना
उन कंचो को कितने रंगीन
मन मोहिने लगते थे उस वक्त वो कंचे
आज न जाने क्यों दिल फिर से बचपन
मैं लौट जाना चाहता है फिर से वही
गलियां वही दोस्त वही मस्ती और
वही माँ की डांट,मार याद आ रही हैं
कौन जी सका है बीते कल के बिना
ज़िन्दगी अपने मुताबिक चलाती हैं हमे
दिल चाहता कुछ और है ओर होता कुछ और
आज फिर याद आये अपने कंचे का वो खेल
वही रंगीन कंचे वही बेफिक्र सा बचपन
मेरा बचपन सुहाना बचपन

Language: Hindi
606 Views
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