मेरा बचपन
बचपन का जब जिक्र हुआ
ताजा हो गई सब यादे।
जब निश्छल मन था मेरा
अब हो गए झूठे वादे।
कभी अश्कों भरी आँखे ,
कभी हँसते हुए चहरे ।
अब रिश्ते हुए बेमानी,
तब रिश्ते थे बड़े गहरे।
मेरे ज़र्रे -ज़र्रे से निकलती हैं यही बातें,
कोई लौटा दे मेरा बचपन मेरे बचपन की वो यादें ……