-मेरा प्रेम कागज, कलम व पुस्तक,
-मेरा प्रेम कागज, कलम व पुस्तक-
कागज , कलम व पुस्तक से कुछ इस कदर है मुझे प्रेम,
उसके बिना मुझे न दिन को चैन व रात में भी बैचेन,
इन तीनो के बिना रहता मन मेरा हरदम उदास है,
अगर मिल जाते ये तीनों मुझे तब मन मेरा हर्षित हो जाता है,
पाऊं अगर इन तीनो को तो फिर क्या बात है,
लगता है मेरा इन तीनो से जन्मों जन्मों का नाता है,
यही है भाई सगा मित्र व सच्चे साथी मेरे जीवन पथ के,
भरत करता मां शारदे से बस एक यही अरदास ,
सदा रखना मां तुम मुझे अपने चरणों का दास ,
गहलोत सद्बुद्धि से रहना सदा कागज़,कलम ,पुस्तक के साथ,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
संपर्क सूत्र-7742016184-