“मेरा प्यार “
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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मुझे कुछ भी नहीं भाता
बस अपना प्यार तुम दे दो
अकेले रहना मुश्किल हैं
बस अपना साथ तुम दे दो
तुम्हारे बिन अकेला मैं
कभी भी रह नहीं सकता
जीऊँगा या मरूँगा मैं
कभी यह कह नहीं सकता
मेरी हर सांस की डोरी
तुम थामे सदा रखना
जियेंगे साथ हम मिलकर
जमाने को दिखा देना
कभी ना साथ छोड़ेंगे
बनेंगे हम सफर दोनों
मंज़िले पाके दम लेंगे
रहेंगे मिलके हम दोनों
हमें नहीं और कुछ चाहत
बस अपना प्यार तुम दे दो
गुजारा कर ही हम लेंगे
बस अपना साथ तुम दे दो !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
27.08.2024