Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2021 · 1 min read

मेरा प्यार

मेरा प्यार
सीमा नही रखता
अनन्त है उसका विस्तार ।
घने जंगल, नदियाँ ,पर्वत,
मलय पवन, विस्तृत गगन
निखिल सृष्टि में है अकिंचन ।
उसका अनोखा चुम्बन,
सांझ सवेरे छोड जाता है,
हर ओर लाज की लाली ।
उसकी एक ही दृष्टि
कर देती है कंचनमय
और तृप्त सम्पूर्ण सृष्टि ।
गहन अंधकार में
चाँदनी के संग
खेला करता है ऑंख मिचौली ।
उसकी बलिष्ठ भुजाएं
कर लेती है,
हर दिशा का दृढ़ आलिंगन ।
छलका कर नेह-नीरद
करता है सबको तुष्ट
जड हो या चेतन।
उसकी खामोशी है –
उसका प्रेमालाप
जो उत्कंठित करता मन।
मिलन के चंद क्षण
सुनते हैं भाव -विभोर हो
उसकी उर धडकन ।
अपनी उमंग लहरों से
कर सागर मे किलोल
पावन कर देता तट के छोर।
अनदेखी, अनछुई कलम से
कर देता है कुछ अंकित
उर पृष्ठ पर मेरा प्यार ।
मेरा प्यार
सीमा नही रखता
अनन्त है उसका विस्तार ।

—प्रतिभा आर्य
अलवर(राजस्थान)

38 Likes · 93 Comments · 1535 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all
You may also like:
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
करबो हरियर भुंईया
करबो हरियर भुंईया
Mahetaru madhukar
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
देखो ना आया तेरा लाल
देखो ना आया तेरा लाल
Basant Bhagawan Roy
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि पर केंद्रित पुस्तकें....
Dr. Narendra Valmiki
क्या देखा
क्या देखा
Ajay Mishra
वर्षा के दिन आए
वर्षा के दिन आए
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नर नारायण
नर नारायण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
Phool gufran
स्वयं का स्वयं पर
स्वयं का स्वयं पर
©️ दामिनी नारायण सिंह
देशभक्ति
देशभक्ति
Pratibha Pandey
4720.*पूर्णिका*
4720.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मां कात्यायनी
मां कात्यायनी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
श्याम बदरा
श्याम बदरा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
जमीर पर पत्थर रख हर जगह हाथ जोड़े जा रहे है ।
Ashwini sharma
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
ज़ब जीवन मे सब कुछ सही चल रहा हो ना
शेखर सिंह
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
कब तक कौन रहेगा साथी
कब तक कौन रहेगा साथी
Ramswaroop Dinkar
तुम ही सुबह बनारस प्रिए
तुम ही सुबह बनारस प्रिए
विकास शुक्ल
...
...
Ravi Yadav
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
Kanchan Alok Malu
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय*
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
" मायने "
Dr. Kishan tandon kranti
गुज़ारिश है रब से,
गुज़ारिश है रब से,
Sunil Maheshwari
शिव
शिव
Vandana Namdev
समस्या विकट नहीं है लेकिन
समस्या विकट नहीं है लेकिन
Sonam Puneet Dubey
Loading...