मेरा प्यार याद आएगा
वो कहती है मैं भूल जाऊं उसे
दर्द दिल के न मैं दिखाऊं उसे
वो खेल समझती है मोहब्बत को
लेकिन कैसे मैं भूल जाऊं उसे।।
मोहब्बत की है मैंने उससे
दिलोजान से चाहा है मैंने उसे
वो कैसे समझेगा मेरी हालत
हर पल याद किया है मैंने उसे।।
वो क्या समझेगा इसे जिसके लिए
ये पाक मोहब्बत बस एक खेल है
वो तो इश्क की दुकान चलाता है
जहां दिल ऑलवेज फॉर सेल है।।
ढल जायेगा वो भी समय के साथ
गुरुर करता है वो आज जिस रूप पर।।
फीका पड़ जायेगा वो तो आज ही
जो पड़ जाए उसपर थोड़ी धूप भर।।
सच्चे प्यार की कोई कीमत नहीं
वो प्यार तो अमूल्य होता है
मिलता है सच्चा प्यार प्रभु इच्छा से
और देव दर्शन के तुल्य होता है।।
माना ये सौभाग्य नहीं है मेरा
जो सच्चा प्यार मुझे तुझमें ही मिलता
जाने ये कैसी रीत है इस जग की
पतझड़ के बाद ही नया फूल है खिलता।।
है यकीं नया फूल खिलेगा ज़रूर
सूखा बाग फिर महकेगा ज़रूर
जब चला जाऊंगा बहुत दूर तुमसे
तुम्हें कभी मेरा प्यार याद आएगा ज़रूर।।