97. मेरा परपोज डे
तुझसे मिलने की चाहत में,
करता रहा इंतजार मैं,
सोचा था शायद आज,
तू मुझको करेगी परपोज ।।
समय बीत गया मेरा,
उसका राह तकते तकते ।
मुरझा गया मेरा रोज फिर भी,
उसने किया नहीं परपोज ।।
मैं सोचा कि वो करेगी,
वो सोची की मैं ।
इतने में हमदोनों का जी,
बीत गया समय ।।
यही सब अब सोचते सोचते,
निकल गये कई रोज ।
जाने कहाँ वो चली गई माशूका मेरी,
काश कोई कर देता खोज ।।
मिल जाती तो कर देता,
मैं आज ही परपोज ।
न समय गँवाता, न दिन बीतते,
खुशियाँ मिलती मुझे हर रोज ।।
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 08/02/2021
समय – 11 : 55 ( सुबह )
संपर्क – 9065388391