मेरा पथ आप ही हो
फंसा हूं मैं माया के बन्धनों में
विषय भोगों में
पर मैं चलना चाहता हूं
आपके ही मार्ग पर
जकड़ा हु में मद लोभ में
विकारों विलासों में
लेकिन रहना चाहता हूं
आपके ही सानिध्य में
जुड़ा हूं इस संसार की नश्वरता से
पर आपके ही अविनासी रूप में
विलीन हो जाना चाहता हूं
क्यूंकि मेरा पथ आप ही हो