मेरा ना कोई नसीब है।
मेरा कोई ना नसीब है।
किस्मत भी बड़ी गरीब है।।1।।
यूं आजमाइशे है बहुत।
जिंदगी गमों के करीब है।।2।।
किसको क्या मिला है।
अपना-अपना नसीब है।।3।।
थोडा सा मजबूर हूं मैं।
क्योंकि दोस्त रकीब है।।4।।
गुनाह करके बच गए।
कहने को बस शरीफ है।।5।।
मांगने को तो मांग लूं।
पर जिंदा मेरा ज़मीर है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ