मेरा दोस्त
अक्सर हम कहते हैं
अपने दोस्त से ये बात
तेरे हाथ से ज़हर भी पी लेंगे
मानेंगे तेरी हर एक बात
जिसके हाथ से ज़हर पीना
नसीब में होता है
है यकीन वो हमारा दोस्त नहीं
वो तो दुश्मन होता है
दोस्त तो जान दे देता है
हम पर आंच नहीं आने देता
कुछ भी झेल जाता है
दिल से कभी नहीं जाने देता
हमारी जीत में ही जीत
और हमारी हार में खुद की हार समझता है
कहने की ज़रूरत नहीं कुछ
वो हमारे दिल की हर बात समझता है
हो खुद को कितने भी दुःख दर्द उसको
कभी कहता नहीं, मुस्कुराता रहता है
लेकिन समझ जाता हूं मैं उसका हाल
मेरे दिल में भी वो दोस्त प्यारा रहता है
देखते हो मेरे चेहरे पर जो हंसी
मेरी उस हंसी का कारण है वो
जब आती है कोई विपदा मुझपर
मेरे दुःख का निवारण कर देता है वो
कहने को तो वो मेरा दोस्त है
लेकिन मेरे परिवार का हिस्सा है वो
मेरे इस जीवन में रब का दिया
परियों की कहानी सा किस्सा है वो।