मेरा देश है भारत
मेरा देश है भारत ,मैं शीश झुका के गाऊँ
वारों की इस धरती पे ,पुष्प हैं खिलते आये
हुआ विवेक महान यहाँ ,गांधी जी अंहिसा लाये
महिमा जाने जग ये ,मैं तो बस बात दोहराऊँ
मेरा देश है भारत ,मैं शीश झुका के गाऊँ
चरणों में हिंद सागर है ,शिखा पे हिमालय बैठा
पूरब में सात हैं रानी ,विंध्याचल पश्चिम में लेटा
सब धर्मों के धाम यहां ,लो साथी हाथ बढ़ाऊँ
मेरा देश है भारत ,मैं शीश झुका के गाऊँ
कबीरा के हम दोहे ,जग में शांति के दूत
रहते हैं सारे यहाँ ,कोई ना छुआछूत
गुरु नानक वाणी कहे ,चलो मैं मार्ग दिखालाऊँ
मेरा देश है भारत ,मैं शीश झुका के गाऊँ
अमृत-सी नदियां हैं यहाँ ,सावन में पानी बरसे
बच्चे बन कान्हा चले ,संग माता निकले घर से
माटी ये तिलक बन जाये ,जब माथे पे सजाऊँ
मेरा देश है भारत ,मैं शीश झुका के गाऊँ
प्रवीण माटी