मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
मेरा देश एक अलग ही रसते पे बढ़ रहा है,
रोज नये आंदोलनों की भेंट चढ़ रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
मजदूर विरोधी हैं क्या ?
जो मजदूर विरोधी कानून बनाते हैं ।
मजदूरों को कम और,
उद्योगपतियों को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं ।
देखो जरा देखो,
उद्योगपतियों को छूट,
और मजदूरों को लूट का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
किसान विरोधी हैं क्या ?
जो किसान विरोधी कानून बनाते हैं।
किसानो को कम और,
पुंजीपतियों को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं।
बिजली पानी कर्ज में,
पुंजीपतियों को छुट,
और किसानों को लुटने का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही। . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
आदिवासी विरोधी है क्या ?
जो आदिवासी विरोधी कानून बनाते हैं।
आदिवासी को कम,
और कारपोरेट घरानों को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं।
जल जंगल जमीन में,
कारपोरेट घरानों को छुट,
और आदिवासी को लुटने का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
इंसानियत विरोधी हैं क्या ?
जो इन्सानियत विरोधी कानून बनाते हैं।
इंसानियत को कम,
और पाखंड को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं।
धार्मिक कर्म कांड में,
किसी एक को छुट,
और बाकियों से फुटने का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
सरकारी विरोधी हैं क्या ?
जो सरकारी संपत्ति विरोधी कानून बनाते हैं।
सरकार को कम,
प्राइवेट सेक्टर को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं।
सरकारी संपत्ति में,
प्राइवेट सेक्टर को छुट,
और देश की संपत्ति को बेचने का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .
सत्ता में बैठे हुए लोग,
जनता के विरोधी हैं क्या ?
जो जनता विरोधी कानून बनाते हैं।
जनता को कम,
और शासक जमात को ज्यादा,
फायदा पहुंचाते हैं।
सुविधा और अधिकार में,
शासक जमात को छुट,
और जनता को लुटने का रास्ता बन रहा है।
मेरा देश एक अलग ही . . . . . .