मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
हँसते -मुस्कुराते चेहरों के
कई टूटे दिल, कई टूटे सपने !
होंठो पर लफ्ज़ है रुके हुए
आँखों में आँसू थमे हुए !
ये चंचल मन क्यूँ बिखर गया
ये कठोर तन क्यूँ दुबक गया !
अकेले खुद से बातें करें
कोई संग चला, ना साथ मिला !
ये ख़ामोशी की विडम्बना
एक शब्द मिला ना किस्सा मिला !
अब लोगो से क्या करें शिकायत,
सबके पैरों में छाले पड़े !
कोई देख – देख के घात करें
कोई हँस के सौ – सौ बात करें !
कोई बिना कहे अभिमान करें
कोई सोच -सोच के ज्ञान धरे !
ये दुनिया के अंजुमन में आकर
दिल कांच-का टूटता चला !
कुछ अपने गए हमें छोड़कर,
कुछ अपना उन संग चला गया !
मन कहता है अब कुछ ना करें,
दिल मेरा सच में पसीज़ गया !
ज़िम्मेदारी सिर पर बढ़ती चली
मैं एक पल में खुद से बिछड़ चला !
कोई करीब होकर भी रूठ गया
कोई कोसों दूर से भी करीब रहा !
कोई तोड़कर भरोसा हँसता रहा,
कोई खुद टूटकर मुझको जोड़ता गया !
मुझको दुनिया से मोह नहीं,
क्या मुझमे रहा, क्या मेरा रहा !
दुनिया के दुःख -दर्द देख कर,
मेरा दिल अंदर तक सहम गया..!!
❤️ Love Ravi ❤️