मेरा तू नही
जिदंगी दे रही तो सजा तू नही
के मुहब्बत है एकतेरफा तू नही
प्यारे मजबूरी होती जुदा तू नही
टहलते टहलते मै यहॉ तू नही
दिल कहता करू तुझ पर मै यकीं
होगी मजबूर पर बेवफा तू नही
राहे आसान होती है सब संग तेरे
मुश्किले जाती बड जब मेरा तू नही