Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Aug 2020 · 1 min read

मेरा खुला है द्वार

थकित नयनों से रही में निर्निमेष निहार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

धेनु गोकुल की पुकारे श्याम घन को
साथ जाना चाहती फिर मधुवन को
करुण स्वर से अश्रुपूरित कर रही मनुहार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

धूलि चढ़कर गगन से नित देखती है
गीत आँचल में उठाकर लेखती है
निराशा से लौटती है व्यथित कई कई बार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

यमुना अपने नीर से विरही कवि सी
काव्य गुंजन कर रही टूटी छवि सी
प्रतीक्षा की लहर जाती तटों के उस पार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

वन की हिरनी वंशी सुनने को विकल
भ्रमर सुमन लता विटप गोपी सकल
मन की वीणा शोक से झंकृत करे न तार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

राधिका मूरत सरीखी शान्त सी
टुक अचंचल श्रान्त और क्लान्त सी
भाव भक्ति का भरा मन प्रीत से दो चार ।
वापसी का आज भी मेरा खुला है द्वार ।।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 281 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मन-गगन!
मन-गगन!
Priya princess panwar
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
दवा और दुआ में इतना फर्क है कि-
संतोष बरमैया जय
जाना ही होगा 🙏🙏
जाना ही होगा 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
Dr Mukesh 'Aseemit'
मन और मस्तिष्क
मन और मस्तिष्क
Dhriti Mishra
*छुट्टी गर्मी की हुई, वर्षा का आनंद (कुंडलिया / बाल कविता)*
*छुट्टी गर्मी की हुई, वर्षा का आनंद (कुंडलिया / बाल कविता)*
Ravi Prakash
🙅भोलू भड़ासी कहिन🙅
🙅भोलू भड़ासी कहिन🙅
*प्रणय प्रभात*
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
टूट गया हूं शीशे सा,
टूट गया हूं शीशे सा,
Umender kumar
*
*"मजदूर की दो जून रोटी"*
Shashi kala vyas
जिनकी खातिर ठगा और को,
जिनकी खातिर ठगा और को,
डॉ.सीमा अग्रवाल
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
मुख्तलिफ होते हैं ज़माने में किरदार सभी।
Phool gufran
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
इस दुनिया की सारी चीज भौतिक जीवन में केवल रुपए से जुड़ी ( कन
Rj Anand Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
Vishal Prajapati
क्रोध
क्रोध
लक्ष्मी सिंह
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र
चुपचाप सा परीक्षा केंद्र"
Dr Meenu Poonia
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
क्या ख़ाक खुशी मिलती है मतलबी ज़माने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
जिंदा हूँ अभी मैं और याद है सब कुछ मुझको
gurudeenverma198
2383.पूर्णिका
2383.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
शायरी - गुल सा तू तेरा साथ ख़ुशबू सा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
World stroke day
World stroke day
Tushar Jagawat
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
दीया और बाती
दीया और बाती
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
रंजिश हीं अब दिल में रखिए
रंजिश हीं अब दिल में रखिए
Shweta Soni
याद रखते अगर दुआओ में
याद रखते अगर दुआओ में
Dr fauzia Naseem shad
मैं लिखता हूं..✍️
मैं लिखता हूं..✍️
Shubham Pandey (S P)
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अक्सर समय बदलने पर
अक्सर समय बदलने पर
शेखर सिंह
खो कर खुद को,
खो कर खुद को,
Pramila sultan
*
*"ममता"* पार्ट-2
Radhakishan R. Mundhra
Loading...