मेरा एक साल ___ कविता
एक एक कर दिन गुज़रे
गुजरा पूरा साल।
लिखता रहा _नित कुछ नया,
लेखनी का रहा कमाल।।
बहुतों ने पड़ा _ पड़ रहे है,
दिन प्रतिदिन मुझे आप।
लेखन मेरा धर्म है,
चले इसी का अलाप।।
मां से है यही प्रार्थना,
दे मुझे संवाद।
उन्हीं की दया से मै लिखूं,
लेखन निर्विवाद।।
राजेश व्यास अनुनय