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24 Mar 2022 · 1 min read

मेरा अभिमान

है मान मेरा अभिमान मेरा
भारत मां का लाल जो हूं
जिनकी आंचल में जन्नत हैं
रोज़ लगाता हूं टीका मैं
धरती मां की इस धूल का
शान बढ़ाते भारत मां की
अमर शहीद उनके बच्चे
जिनकी लाशों पर चलकर
आज़ाद हुआ ये वतन मेरा
नर होते हैं वीर यहां के
नारी की होती महिमा अपार
पशु पक्षी उल्लास मनाते
गौरव पाता हर शख्स यहां
ईश्वर को पूजा जाता जहां
होती हर दिन जय जयकार
मोती जड़ित सुंदरता यहां हैं
हैं लोक कला की छटा यहां
आओ मिलकर गीत ये गाएं
है मान मेरा अभिमान मेरा।।

Language: Hindi
290 Views
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