मेरा अभिमान
है मान मेरा अभिमान मेरा
भारत मां का लाल जो हूं
जिनकी आंचल में जन्नत हैं
रोज़ लगाता हूं टीका मैं
धरती मां की इस धूल का
शान बढ़ाते भारत मां की
अमर शहीद उनके बच्चे
जिनकी लाशों पर चलकर
आज़ाद हुआ ये वतन मेरा
नर होते हैं वीर यहां के
नारी की होती महिमा अपार
पशु पक्षी उल्लास मनाते
गौरव पाता हर शख्स यहां
ईश्वर को पूजा जाता जहां
होती हर दिन जय जयकार
मोती जड़ित सुंदरता यहां हैं
हैं लोक कला की छटा यहां
आओ मिलकर गीत ये गाएं
है मान मेरा अभिमान मेरा।।