मेरा अन्न दाता
हार कहा आज किसान ने मानी है,
जीत के लिए ही लड़ाई आज जारी हैं
खेत मे फिर भी सारा काम जारी हैं
सरकार को परखने की बारी हमारी है।
हार कहा आज किसान ने मानी है,
अब बिल बदलवाने की मन में ठानी है,
कोरोना जैसी बीमारी की भी जंग जारी है
और होनी जीत हमारी ये किसान ने ठानी हैं।
हार कहा आज किसान ने मानी है,
हर मुश्किलो से जुझने की तैयारी है,
कभी न रुकन-थकना,किसान की निशानी हैं
मन को छोटा कभी न करना,ये मानी हैं।
अपनी एकता को ही हथियार बनाना हैं
हारी हुई तो बाजी हमारी ये भाव बनाया हैं
रात दिन खेत मे काम कर हमसबको अन्न खिलाया हैं
अन्न दाता देखो आज मुसीबत में सड़कों पर आया है।