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10 Jun 2018 · 2 min read

मेट्रो शहर

अटपटी सी बात थी कि उसे प्यार इतना न था पर अपने शौक पूरे करने के लिए उसे एक बॉयफ्रेंड की जरूरत थी । वो कॉफ़ी की दीवानी थी । दिल्ली की रहनेवाली एक महत्वकांशी लड़की थी जिसे बस लोगों को इस्तेमाल करने की आदत थी । वो अक्सर हौज़ ख़ास जाती थी और घंटो बातें किया करती थी उस लड़के से जिस से उसे कभी प्यार नहीं था । देखने मे सुंदर थी और किसी मॉडल से कम नही लगती थी । पर अगर आप सुंदर हो तो आपको ये कतई हक़ नही है कि आप अपने फायदे के लिए किसी ऐसे इंसान की जिंदगी से खेलो जो आपको बहुत चाहता है ।कॉलेज के दिन तो यूँही सैर सपाटे में गुज़र गए । लड़क एम.बी. ए. डिग्री लेकर नौकरी की तलाश में जुट गया । नई नौकरी थी तो छुट्टी भी नही मिलती थी ।अब तो वीकेंड्स पर ही मिलना होता था । वो भी अब गुड़गांव के पी.जी. में शिफ्ट हो गयी थी । कॉल सेंटर में जॉब करने लगी थी और धीरे धीरे उनके बीच का फासला बढ़ता जा रहा था ।लड़का फिर भी अपने साथ उसे सोच कर ही खुश होता था । वो देहरादून का था तो वहां आना जाना लगा रहता था ।
फिर धीरे धीरे वीकेंड्स हफ्तों में बदल गए और हफ्ते महीनों में ।मुलाकातों का दौर जैसे थम से गया ।फ़ोन एक मात्र ज़रिया राह गया दोनो के बीच । अब तो बस पांच मिनट की बात ही रह गयी ।
कॉल सेंटर जॉब दिन रात की शिफ्ट और खुद को मॉडर्न साबित करने की होड़ में वो भूल गयी कि कुछ चीज़ें ज़िन्दगी के लिए होती हैं जिंदगी चीजों के लिए नही । अब तो उसे ये भी याद नही की कितने ब्रेकअप हो चुके है ।
एक अंधी दौड़ थी जिसमे वो मंज़िल तक पहुंचने की कोशिश में लगी थी । लड़के ने भी बार और क्लब की रंगीनियों में खुद के तन्हापन को कहीं छुपा लिया था ।वो फिर से प्यार में था मगर पहले जैसे नही । उसने प्रैक्टिकल होना सीख लिया था । एक दिन दोनो टकरा गए । दोंनो ने आपस मे बात नहीं की और शायद करना भी नहीं चाहते थे पर फिर भी मेट्रो के उस सफ़र को जो कि खत्म होना था खत्म नही करना चाहते थे । एक सीट खाली हुई तो लड़के ने लड़की को बैठने का इशारा किया पर वो बैठी नहीं खड़ी रही । ये देख कर लड़का भी नही बैठा ।दोनो चुप थे पर निगाहों ने निघाओं से न जाने कितने सवाल कर लिए थे जवाब पा लिए थे ये बस वो ही जानते थे । फिर गंतव्य की ओर दोनो बढ़ चले ।लड़की के हाथ लड़के का दिया हुआ ब्रेसलेट आज भी मौजूद था ।और लक आज भी वही घड़ी पहने था जो लड़की ने उसे दी थी ।शायद कुछ कहानियां अधूरी होने के लिए ही पनपती है और ये भी ऐसी ही एक कहानी थी ।
#राखी

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 242 Views
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