में बेरोजगार हूं
ये दुनिया चोरों की बस्ती है
हर नजर यहां पर डसती है
हर कदम हमारा रोका है
हर हार पर मेरी हंसती है
सब कहते है में बेकार हूं
पड़ लिखकर लाचार हूं
दुनिया पे जो बोझ बन गया
भीगा कल का अखबार हूं
जी हां में बेरोजगार हूं
ये दुनिया चोरों की बस्ती है
हर नजर यहां पर डसती है
हर कदम हमारा रोका है
हर हार पर मेरी हंसती है
सब कहते है में बेकार हूं
पड़ लिखकर लाचार हूं
दुनिया पे जो बोझ बन गया
भीगा कल का अखबार हूं
जी हां में बेरोजगार हूं