में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
में तेरी हर बात और जिद्द मान लूंगा अपने झगड़ते में
बस याद रखना उस झगड़े में कोई तीसरा शामिल ना हो
यहां तो तीसरा बिना कहे शामिल हो जाता है”
यह तो आज कल हर झगड़े में कोई तीसरा शामिल हो जाता है
दो लोगो के सामान्य से झगड़ो को अनभूजी सलाह और अहमकारी ज्ञान देकर इंसान की बुद्धि को भ्रष्ट करके विवेक हीन करने
दूसरे इंसान के मन में भ्रम और शक भरके
उसके सामान्य झगड़े को विवाद में बदल देते है जो पक्का रिश्ते के माहोल को खराब करता है हर दिन और एक दिन रिश्ता अंत कर देता है।
तो याद रखे
आपने सामान्य झगड़े आप खुद सुलझाए,वाद हो विवाद हो कोई बाद नही,पर आप दोनो बैठकर सुनकर एक दूसरे को सुलझा दे। क्योंकि सच ये है
आप दोनो से बेहतर एक दूसरे को कोई नही जानता है।
कोई तीसरे को ना लाए आपने मुद्दो में जब जब तक वो सामान्य है आप दोनो सुलझा सकते है संवाद से।