– में कुछ नही करता हु फिर भी बहुत कुछ करता हु
– में कुछ नही करता हु फिर भी बहुत कुछ करता हु –
में कुछ नही करता हु फिर भी बहुत कुछ करता हु,
में अपने मन के भावो को कविता में गढ़ता हूं,
में अपनी पीड़ा को कविता में रचता हु,
में अपनी वेदना को कविता में कहता हु,
में अपनी विपदा को शब्दो में पिरोता हु,
में अपनी समस्या का निदान कविता में ढूढता हु,
में अपने पराए ,पराए अपने का भेद जानता हु,
में अपनी कविता में उनको स्थान देता हु,
में कुछ नही करता हु फिर भी बहुत कुछ करता हु,
में अपने मन के भावो को कविता में गढ़ता हु,
भरत गहलोत
जालोर राजस्थान,
संपर्क सूत्र -7742016184 –