– में अनाथ हु –
– में अनाथ हु –
जिसका इस संसार में कोई ना हो नाथ ,
वो होता है अनाथ,
यतीन कहकर जिसे ठुकराया जाता है ,
वो होता है अनाथ,
जन्म देकर माता पिता द्वारा जिसे है छोड़ा जाता,
वो होता है अनाथ,
अकेला जो जीवन यापन कर पाता,
वो होता है अनाथ,
दुनिया में जिसके माता पिता की,
ना हो कोई पहचान ,
दुनिया जिसको इस दुनिया में अकेले ही जान,
वो होता है अनाथ,
मुसीबत में खुद को जो अकेला पाए ,
वो होता है अनाथ,
अपनो के होते हुए भी ,
विपदाओं में घिर जाए वो होता है अनाथ,
एक उदाहरण बागवान से बालक आलोक एक अनाथ,
रखकर सिर पर हाथ उसके बन जाते है नाथ,
पढ़ा लिखाकर कर देते आलोक(प्रकाश,ज्ञान)का नाम,
आलोक भी दिल से प्रथम पूजनीय उनको जान,
कहता गहलोत हाथ जोड़कर अपनाओ अनाथ,
सवारकर जिंदगी किसी की,
बन जाओ उसके नाथ,
फिर कोई इस दुनिया में न कह पाए की,
हे बाबा में हु एक अनाथ,
✍️✍️✍️भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184-
रचना सृजन -19/11/2022
समय -प्रात: 10 बजे,