– में अजनबी हु इस संसार में –
में अजनबी हु इस संसार में –
कोई नही मुझको पहचानता,
नही है मेरी कोई पहचान,
न ही मुझे कोई है जानता,
सबकी नजरों से हु में अनजान,
अपनी मस्ती में रहता हु में,
हु में मस्त मौला इंसान,
ना किसी से दोस्ती न किसी से है वैर भाव,
अकेला हु अकेला ही घूमता,
अकेला हु में एक इंसान,
में अजनबी हु इस संसार में,
नही है मेरी कोई पहचान,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान